प्रेरणादायक कहानियां
कर्म बोला – ” देखो भाग्य ! मेरा काम उधमी को उसके परिश्रम का फल देना है | जो कोशिश करेगा उसे तो उसका फल मिलेगा ही, अब आगे जो तुम ठीक समझो |”
कर्म और भाग्य की बातचीत जुलाहे ने सुनी तो वह हड़बड़ाकर कर उठा | उसने जल्दी-जल्दी अपने मोहरों की थैली खोली | वह यह देखकर चकित रह गया की थैली के अंदर से सभी मोहरे गायब थी | यह देख धिनु रोने लगा, कि कितनी मुश्किल से तो उसने धन कमाया था और उसे जाते एक मिनट भी नहीं लगी | वह सोचने लगा कि अब खाली हाथ जाकर में लाजवंती को क्या मुंह दिखाऊंगा |